Saturday, September 5, 2009

सामान्य प्रशासन की बैठक के नाम पर हुई ब्लैकमेलिंग

पिछले दिनों सतना जिला पंचायत के सामान्य प्रशासन की एक बैठक जिला पंचायत कार्यालय के बाहर स्थित पोर्च में जमीन पर संपन्न हुई.ये बैठक किसी फर्नीचर की कमी के चलते जमीन पर नहीं आयोजित की गई बल्कि इसका उद्देश्य जिला पंचायत अध्यक्ष समेत कई अन्य सदस्यों द्वारा अपना विरोध व्यक्त करना था.ये विरोध किसी जनहित के मुद्दे का न होकर उनकी स्वयं की अवैध फाइलों को वैध घोषित करवा कर पेमेंट निकलवाने का था.यहाँ ये बताना जरुरी है,की जिला पंचायत अध्यक्ष समेत लगभग सभी सदस्य किसी न किसी नाम से स्वयं सेवी संस्था चला रहे हैं,और इन्ही की आड़ में वो अपने काले-पीले कारनामे करते रहते हैं .सूत्रों की अगर मानें तो पिछले कुछ समय से जिला पंचायत के CEO आशीष कुमार बिना सोचे कोई पेमेंट नहीं कर रहे हें,उनको भी इन सदस्यों और अध्यक्ष द्वारा किए जा रहे घोटाले के मीडिया में पहुच जाने की ख़बर है.यही कारन है की आशीष कुमार फूँक-फूँक के कदम रख रहा है.जिला पंचायत अध्यक्ष ने तो चित्रकूट के दीनदयाल शोध संसथान के तर्ज पे अग्रसेन शोध संस्थान बना डाला है,और इसी के नाम पर लाखों के काम भी हो चुके हैं.खैर जमीन पर बैठ कर सभी ने सामूहिक दबाव बनाते हुए अंततः अपने फर्जी भुगतानों को स्वीकृत करा ही डाला.