Friday, July 9, 2010

दैनिक भास्कर का सिटी चीफ पुलिस हवालात में

पिछले दिनों सतना की पत्रकारिता में एक बहुत ही शर्मनाक घटना घटी.प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर के सतना कार्यालय में सिटी चीफ के पद पर पदस्थ एक पत्रकार एवं उनके एक अन्य पत्रकार साथी को पुलिस उठा ले गयी और सिविल लाइन थाने में बंद कर दिया.पुलिस सूत्रों के अनुसार ये महाशय अत्यधिक शराब के नशे में धुत्त थे और बीच रोड में हंगामा कर रहे थे. इस दौरान इन्होने पुलिस से काफी बदतमीजी की जिसके चलते पुलिस को इनकी लू उतारनी पड़ी.सूत्र बताते हैं की जब नवभारत के मनोज रजक और विष्णुकांत त्रिपाठी ने थाने जा कर पुलिस अधिकारीयों से बात की तब कहीं जा कर रात के लगभग दो बजे ये महाशय बाहर आ पाए.भास्कर के सूत्रों के अनुसार इन महाशय को अपनी इस हरकत के चलते दैनिक भास्कर से भी हटा दिया गया है और प्रेस में इनके प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है.

Tuesday, July 6, 2010

वाह रे सतना जिले का श्रमजीवी पत्रकार संघ

मुझे तो आजतक ये ही समझ नहीं आया की ये श्रमजीवी पत्रकार अपने द्वारा किये गए कौन से श्रम की बार-बार दुहाई देते रहते हैं .अगर चुनावों में अपने मासिक/त्रय-मासिक समाचार पत्रों को छाप कर अधिकारीयों और नेताओं से वसूली करना बहुत बड़ा श्रम है तो निश्चित ही ये श्रमजीवी हैं.ये बेचारे तो सम्मलेन के नाम पर इतना इकठ्ठा करने का प्रयास करते रहते हैं की साल भर अपने घर परिवार चला सकें.इनके पिछले दिनों सतना में हुए सम्मलेन पर ही नजर डालें तो इनकी सही औकात का पता चलता है ,वहां पर सतना से प्रकाशित होने वाले किसी भी हिंदी दैनिक अथवा किसी भी नामचीन इलेक्ट्रानिक चैनल का कोई प्रतिनिधि नजर नहीं आया.हाँ पत्रकारिता की आड़ में पूरे जिले में दलाली करने वालों का बहुत बड़ा जमावड़ा जरुर देखने को मिला.इस सम्मलेन का खैर एक फायदा भी था,अगर आप सतना जिले में घूम रहे फर्जी पत्रकारों को नहीं जानते तो एक बार इस कार्यक्रम में शामिल रहे सभी लोगों की लिस्ट ले लीजिये,आपको आगे परेशान होने की जरुरत नहीं पड़ेगी.

सतना में फिर सक्रिय हुए दलाल पत्रकार

सतना जिले मैं पिछले दिनों संस्कृत बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान जम कर नक़ल हुई.एक तरफ जहाँ विभाग के लोग पैसे के दम पर लोगों को पास करने में लगे थे तो वहीँ दूसरी ओर अपने आप को समाज का चौथा स्तंभ बताते हुए ,कुछ दलाल नुमा पत्रकार वहां पहुच गए और अपने सामाजिक दायित्यों का हवाला देने लगे.अच्छा तो ये थे की वहां पर विभाग के कुछ ऐसे लोग भी थे जो इन रोड छाप पत्रकारों की औकात जानते थे,उन्होंने तत्काल इनके सामने कुत्ते की रोटी फेकी और ये दुम दबा कर वहां से चलते बने.इन पत्रकारों में से एक कोठी रोड स्थित दैनिक समाचार पत्र का शिक्षा क्षेत्र सम्हालने वाला शर्मा है तो दुसरे ई-टीवी से भगाए गए ठाकुर साहेब हैं.इसी जुगलबंदी ने पिछले दिनों आंगनबाड़ी केन्द्रों से भी गुणवत्ता की आड़ में जी तोड़ वसूली की है.इस तरह के स्तरहीन पत्रकारों की हरकतों की वजह से ही पत्रकारों को सरेआम मारे जाने की खबरें सुनने में मिलती हैं.