Saturday, November 20, 2010

आखिर समय ने फिर पलटी मारी


मध्य प्रदेश के जबलपुर हाई कोर्ट ने सतना महापौर मामले में आखिर अपना फैसला सुना ही दिया.फैसले के आते ही पिछले दो महीने से चल रही अटकलों का दौर समाप्त हो गया.पुष्कर सिंह को अपना खोया हुआ सम्मान वापस मिला और सतना की जनता को अपना चुना हुआ महापौर .खैर बुजुर्गों ने कहा है,जो भी होता है भले के लिए होता है,पुष्कर सिंह भी इस बात को अब मानाने लगे हैं.महापौर बनाने के बाद उनके घर में अचानक बढ़ी शुभचिंतकों की भीड़ में वो असली हितैषियों को ढूढने में बहुत परेशान हो रहे थे.समय की पलटी ने बहुत थोड़े से समय में दूध का दूध और पानी का पानी अलग कर दिया.भाजपा के तथाकथित मठाधीशों के मुंह में इतना बड़ा जूता पड़ेगा इसका किसी को भी अंदाजा नहीं था.लोग तो महापौरी की टिकटों की गणित बैठने में लगे हुए थे,तभी हाईकोर्ट के अचानक आये फैसले ने इस बात का एहसास करा दिया की एक टपकती हुई बूँद आपकी किस्मत बदल सकती है.खैर अभी भी ये फैसला सत्ता के आकाओं के गले से उतर नहीं रहा है,और वो अभी भी गुलाटी मरने से बाज नहीं आ रहे हैं.खैर पुष्कर सिंह को उनके संघर्ष का फल मिला ,और उन्हें हमारी बधाई

Wednesday, September 15, 2010

आखिर निकल ही गया स्टार समाचार का जुलूस

सतना से जल्द ही प्रकाशित होने वाले वाले समाचार पत्र का एक जुलूस आज सतना की सड़कों से निकला.इस जुलूस को देख कर ये लग रहा था की मानो इस अखबार में रमेश सिंह ने अपनी पूरी प्रतिष्ठा झोंक दो हो.पूरे गाजे-बाजे के साथ निकला ये जुलूस,आज सहर में चर्चा का विषय बना रहा.सहर का संभ्रांत नागरिक यही कह रहा था की ,रमेश सिंह कहाँ पत्रकारिता के चक्कर में फँस गए,तो कुछ का कहना था की रमेश सिंह के पास पैसा तो है ही,अब उन्हें ग्लैमर का चस्का लग गया है.खैर घोडा दूर न मैदान ,सब जल्द ही सामने आ जायेगा.जिन सिपहसालारों के मत्थे ,रमेश सिंह ये जुंग लड़ने की सोच रहे हैं,उन्हें क्या मालूम की इनमे से आधे से ज्यादा तो सामने वाली सेना के हैं ,खड़े जरूर आपके साथ हैं,समय आने पर सबसे पहले ये ही आप पर वार करेंगे.

Thursday, September 2, 2010

वेतन दूसरे अखबार की,नौकरी स्टार की

सतना में जल्द ही खुलने जा रहा दैनिक समाचार पत्र स्टार समाचार ,चालू होने से पहले ही सुर्खियाँ बटोरने लगा है.अन्दर के सूत्रों के अनुसार सतना के सबसे ज्यादा प्रसारित होने वाले समाचार पत्र ने ,इस समाचार पत्र को प्रभावित करने के लिए अलग-अलग पदों पर नियुक्त हुए कई लोगों को खरीद लिया है.वहां बैठे हुए ये दलाल रुपी लोग काम तो स्टार समाचार के लिए कर रहे हैं लेकिन उनकी वफादारी किसी अन्य अखबार के प्रति है.यहाँ पर प्रसार व्यवस्था देख रहा व्यक्ति ,तनख्वाह तो स्टार समाचार से लेगा,लेकिन दो अन्य अखबारों से भी उसने वेतन लेने का जुगाड़ फिट कर लिया है.ये घर के भेदी वेतन दुसरे अखबार से लेकर.स्टार समाचार को चालू होने के पहले ही पतन की दिशा में ले जायेंगे

Friday, July 9, 2010

दैनिक भास्कर का सिटी चीफ पुलिस हवालात में

पिछले दिनों सतना की पत्रकारिता में एक बहुत ही शर्मनाक घटना घटी.प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर के सतना कार्यालय में सिटी चीफ के पद पर पदस्थ एक पत्रकार एवं उनके एक अन्य पत्रकार साथी को पुलिस उठा ले गयी और सिविल लाइन थाने में बंद कर दिया.पुलिस सूत्रों के अनुसार ये महाशय अत्यधिक शराब के नशे में धुत्त थे और बीच रोड में हंगामा कर रहे थे. इस दौरान इन्होने पुलिस से काफी बदतमीजी की जिसके चलते पुलिस को इनकी लू उतारनी पड़ी.सूत्र बताते हैं की जब नवभारत के मनोज रजक और विष्णुकांत त्रिपाठी ने थाने जा कर पुलिस अधिकारीयों से बात की तब कहीं जा कर रात के लगभग दो बजे ये महाशय बाहर आ पाए.भास्कर के सूत्रों के अनुसार इन महाशय को अपनी इस हरकत के चलते दैनिक भास्कर से भी हटा दिया गया है और प्रेस में इनके प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है.

Tuesday, July 6, 2010

वाह रे सतना जिले का श्रमजीवी पत्रकार संघ

मुझे तो आजतक ये ही समझ नहीं आया की ये श्रमजीवी पत्रकार अपने द्वारा किये गए कौन से श्रम की बार-बार दुहाई देते रहते हैं .अगर चुनावों में अपने मासिक/त्रय-मासिक समाचार पत्रों को छाप कर अधिकारीयों और नेताओं से वसूली करना बहुत बड़ा श्रम है तो निश्चित ही ये श्रमजीवी हैं.ये बेचारे तो सम्मलेन के नाम पर इतना इकठ्ठा करने का प्रयास करते रहते हैं की साल भर अपने घर परिवार चला सकें.इनके पिछले दिनों सतना में हुए सम्मलेन पर ही नजर डालें तो इनकी सही औकात का पता चलता है ,वहां पर सतना से प्रकाशित होने वाले किसी भी हिंदी दैनिक अथवा किसी भी नामचीन इलेक्ट्रानिक चैनल का कोई प्रतिनिधि नजर नहीं आया.हाँ पत्रकारिता की आड़ में पूरे जिले में दलाली करने वालों का बहुत बड़ा जमावड़ा जरुर देखने को मिला.इस सम्मलेन का खैर एक फायदा भी था,अगर आप सतना जिले में घूम रहे फर्जी पत्रकारों को नहीं जानते तो एक बार इस कार्यक्रम में शामिल रहे सभी लोगों की लिस्ट ले लीजिये,आपको आगे परेशान होने की जरुरत नहीं पड़ेगी.

सतना में फिर सक्रिय हुए दलाल पत्रकार

सतना जिले मैं पिछले दिनों संस्कृत बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान जम कर नक़ल हुई.एक तरफ जहाँ विभाग के लोग पैसे के दम पर लोगों को पास करने में लगे थे तो वहीँ दूसरी ओर अपने आप को समाज का चौथा स्तंभ बताते हुए ,कुछ दलाल नुमा पत्रकार वहां पहुच गए और अपने सामाजिक दायित्यों का हवाला देने लगे.अच्छा तो ये थे की वहां पर विभाग के कुछ ऐसे लोग भी थे जो इन रोड छाप पत्रकारों की औकात जानते थे,उन्होंने तत्काल इनके सामने कुत्ते की रोटी फेकी और ये दुम दबा कर वहां से चलते बने.इन पत्रकारों में से एक कोठी रोड स्थित दैनिक समाचार पत्र का शिक्षा क्षेत्र सम्हालने वाला शर्मा है तो दुसरे ई-टीवी से भगाए गए ठाकुर साहेब हैं.इसी जुगलबंदी ने पिछले दिनों आंगनबाड़ी केन्द्रों से भी गुणवत्ता की आड़ में जी तोड़ वसूली की है.इस तरह के स्तरहीन पत्रकारों की हरकतों की वजह से ही पत्रकारों को सरेआम मारे जाने की खबरें सुनने में मिलती हैं.

Thursday, February 11, 2010

पी आर ओ को अपनी औकात पता चल गयी

सतना के पी आर ओ आफिस में पिछले दिनों कुछ ऐसा हुआ ,जिसने सतना की पत्रकारिता को शर्मशार कर दिया.सूत्रों के अनुसार ६ माह पहले तबादले में सतना आये हुए सहायक संचालक जनसंपर्क के.के.सिंह . मारावी ,जब से आये हैं तभी से अपने कारनामों के कारण सुर्ख़ियों में बने हुए हैं.सूत्र बताते हैं की कुंठित मानसिकता का ये अधिकारी सतना आते ही ,अपने आस पास कुछ ऐसे दलाल नुमा पत्रकारों के चुंगल में फस गया है और उन्ही के कहे अनुसार वो सतना की पत्रकारिता में लोगो के स्तर का निर्धारण करता है. अपने इस छोटे से कार्यकाल में इस घमंडी और बदतमीज अधिकारी ने आज तक किसी भी स्थानीय प्रिंट हाउस जाने की जोह्बत नहीं उठाई और न हीं किसी भी वरिस्थ पत्रकार से किसी भी मुद्दे पर चर्चा ही की.चाहे वो नगरीय निकाय का चुनाव हो या हाल में ही संपन्न हुए पंचायती चुनाव ,आप सरकारी विज्ञप्तियों को उठा कर देखेंगे तो आप को इनके बौद्धिक और मानसिक स्तर का पता चल जायेगा.इतना ही नहीं ये अधिकारी समय-समय पर किसी से बदतमीजी करने से भी नहीं चूकता.इनके कार्यालय के सूत्रों की ही मानें तो वहां पर रमाशंकर शर्मा (नवभारत),ब्रजेश पाण्डेय (9 पी.एम् चैनल) ,हामिद खान ,शिवेंद्र बघेल,जैसे पत्रकार ही पूरे टाइम डेरा डाले रहते हैं,और ये लोग ही वहां बैठ कर सतना की पत्रकारिता में लोगों की पत्रकारिता का स्तर तय करते हैं.लेकिन जैसा हम बचपन से सुनते चले आये हैं की हर बुरी बात का बुरा अंत जरूर होता है,वैसा ही यहाँ भी हुआ.
कार्यालय के सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों,संजय लोहानी(ETV न्यूज़),ज्ञान शुक्ला(NDTV न्यूज़) एवं नीतेन्द्र गुरुदेव (सहारा समय)न जब अपने-अपने चैनलों से आया हुआ अधिमान्यता का फार्म लेकर मरावी के पास पहुचे ,तो उन्होंने इन्हें पत्रकार ही मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने ये कह कर फार्म मैं दस्तखत करने से मन कर दिया की आप लोगों को मैंने जनसंपर्क कार्यालय मैं आज तक नहीं देखा,और नहीं आज तक आप लोग मुझसे मिलने आये.जब इन तीनों पत्रकारों ने पूर्व मैं लोकसभा,विधानसभा और नगरीय निकाय चुनावों के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्ड दिखाया तो भी वो कुछ सुनने को तैयार नहीं हुए और उल्टा बदतमीजी पर उतारू हो गए.जब पानी इन पत्रकारों के सर के ऊपर से आ गया तो इनका सब्र टूट गया और इन्होने मरावी को जिस भाषा को वो सुनना चाहता था उसी मैं उसकी औकात बता दी.

इस पूरी घटना के दौरान भी वहां पर 9 पी.एम् नामक चैनल का फर्जी पत्रकार बैठा रहा.और जब ये तीनों वहां से चले गए तो मरावी के पास बैठने वाली फर्जी पत्रकारों की चौकड़ी जिसका उल्लेख हम पहले कर चुके हैं,ने उसे इन पत्रकारों को फर्जी मामले मैं फसाने के लिए उकसाया और एक लिखित शिकायत,जनसंपर्क आयुक्त भोपाल सहित,थाना सिविल लाइन ,कलेक्टर सतना तथा पुलिस अधीक्षक सतना को दे दी गयी.एक तरफ जहाँ ये फर्जी पत्रकार घूम-घूम कर अपनी उपलब्धि का बखान कर रहे थे और इन पत्रकारों के ऊपर मुकदमा दर्ज होने का इन्तेजार कर रहे थे,तो वहीं २४ घंटे के अन्दर कुछ ऐसा हुआ की न केवल इस अधिकारी को इन पत्रकारों से अपने ही आफिस मैं अपने उप संचालक चौधरी समेत सतना के एक दर्जन पत्रकारों के सामने इनसे माफ़ी मंगनी पड़ी बल्कि लिखित मैं अपनी शिकायत भी वापस लेनी पड़ी.माफ़ी के इस सार्वजनिक घटनाक्रम इस दौरान भी कुछ दलाल पत्रकार वहां मौजूद थे,लेकिन अपना नंबर आने के पहले ही वे वहां से चलते बने.ये जीत केवल इन तीन पत्रकारों की जीत न होकर सतना की पत्रकारिता की जीत है.