Tuesday, May 19, 2009

आइये एक नए दिन की शुरुआत करें

पिछले कुछ समय मैं सतना के लोगों ने वो दौर देखा जो सभी के लिए बहुत ही कष्टदायक था.ये दौर था आपसी संबंधों और मित्रता से बढ़ कर जतिवादिता का दौर .इतनी कट्टर जतिवादिता का दौर चला कि वर्षों से एक दूसरे के साथ रहने वाले आपस में ही बात करने से हिचकने लगे.इस दौर ने हमारे बीच के आपसी भाईचारे और प्रेम के बीच में सेंध लगाने की कोशिस की. अगर ये दौर आगे भी चलता रहा तो निश्चित ही ,इस छोटी और स्तरहीन मानसिकता के चलते हमें आगे भी बहुत कुछ झेलना पड़ेगा.अगर हमें अपने आने वाले भविष्य को संवारना है,तो हमें इस मानसिकता से आगे निकल कर,एक दूसरे का साथ देकर अपने आपको और सतना को बहुत आगे ले जाना होगा.दुनिया बहुत बड़ी है,और हमारे पास समय बहुत कम.आइये हम सब संकल्प लें कि इस जातिवादी वैमनस्यता का अंत करेंगे और आपसी,प्रेम ,सदभावना और भाईचारे भरे सबेरे का स्वागत करेंगे.

Monday, May 18, 2009

गणेश सिंह ने अंततः लोकसभा सीट जीत ही ली

सतना का लोकसभा चुनाव शुरू से ही पार्टीगत न होकर जातिगत आधार पर चल रहा था.इसी कारण से समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर आए राजाराम त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बना कर,ब्राहमणों के वोटों पर कब्जा करने की सोची.गणेश सिंह अपने ही बनाये गए जातिगत समीकरणों मैं उलझ कर रह ही गए थे,तभी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपनी छवि की दुहाई देते हुए,पार्टी के लिए वोटों की मांग की.ये शिवराज फैक्टर ही था जिसके चलते,गणेश सिंह को सबसे ज्यादा बढ़त सतना विधानसभा से मिली खासकर सतना शहर से,जो अपने आप में आश्चर्यजनक है.इतने कम वोटों से हार-जीत का फैसला होगा किसी ने सोचा भी नहीं होगा.