हरिराम नाई को किसी ने मेल कर इस बात का खुलासा किया है की सतना में इस समय कुछ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के पत्रकार मिल कर बाबु ,सरपंच,सचिव एवं ग्रामीण अंचलों मैं पदस्थ अधिकारीयों की काली करतूतों को स्ट्रिंग ऑपरेशन के जरिये कैमरा मैं कैद करते हैं .उसे जनहित में अपने चैनल एवं अखबार में न देकर सम्बंधित कर्मचारी को गिरोह बना कर ब्लैकमेलिंग करने में जुट जाते हैं और सौदा नहीं पटने इस CD को जिले के आला अधिकारीयों एवं कलेक्टर को उपलब्ध करा कर्मचारी पर कार्यवाही कराने का दबाव बनते हैं .इस तरह की ही घटना में पिछले दिनों सतना के एक ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ इंजिनियर को पहले ब्लैकमेल किया गया फिर जब सौदा नहीं पटा तो मामले को कलेक्टर को बता उसे सस्पैंड करा दिया गया ,इसी तरह सिटी मजिस्ट्रेट के कार्यालय में पदस्थ एक बाबु का स्ट्रिंग ऑपरेशन किया गया फिर उसे ब्लैकमेल किया गया ,पर जब बात नहीं बनी तब हमेशा की तरह ,इस मामले की CD कलेक्टर को सौप दी गई ,पर इस बार इन ब्लैक्मैलेर पत्रकारों के मंसूबों पर पानी फिर गया और बाबु सस्पैंड होने से बच गया.इसी तरह इस गिरोह के सरगना ने RTO ऑफिस और फॉरेस्ट विभाग में भी स्ट्रिंग ऑपरेशन किया था.वर्तमान में ये गिरोह नगर निगम के अधिकारीयों को घेरने में लगा हुआ है.इन घटनाओं में जो नाम हमे प्राप्त हुए हैं,उन्हें हम सार्वजनिक कर उनकी छवि धूमिल नहीं करना चाहते हैं,पर अगर ये सिलसिला नहीं थमा तो हम उन्हें समाज के सामने बेनकाब कर उनका असली चेहरा उजागार करेंगे.
Tuesday, March 17, 2009
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ये महाशय निश्चित तौर पर ETV के शिवेंद्र सिंह बघेल ही हैं और सिटी मजिस्ट्रेट वाली जिस घटना को आप नाम के बिना बता रहे हैं,उस बाबु का नाम है विनोद गुप्ता. मैं शिवेंद्र की दलाली को भली भांति जनता हूँ.आपसे एक ही निवेदन है,जब आप नाम जानते हैं तो इस तरह के चोरों को आप बचाना क्यों चाहते हैं.कहीं ऐसा तो नहीं की शिवेंद्र आप का खास परिचित है.
ReplyDeleteइस तरह बिना पुष्टि किये,किसी को बदनाम मत कीजिये.आप ही बताइए अगर कोई थोडी बहुत करता भी है तो क्या बुरे है,बेचारा घर से इतनी दूर रह कर काम भी तो कर रहा है.
ReplyDeleteमैं अपना नाम तो नहीं बता सकता क्योंकि मैं इस लोकतंत्र का बहुत छोटा सा व्यक्ति हूँ, लेकीन मैं ये कसम खा कर जरुर कह सकता हूँ की मैंने अपनी पूरी जिंदगी मैं शिवेंद्र बघेल जैसा दलाल और ब्लैक्मैलेर नहीं देखा.सतना मैं इतने घटिया स्तर की पत्रकारिता कभी नहीं हुई.किसी भी गरीब को कैसे निचोड़ना है,ये कोई इस दलाल से सीखे.हमेशा अपनी ऊंची पहुच का हवाला देने वाला ये व्यक्ति,हमेशा से बड़े अधिकारीयों की दलाली करता रहा है,और उसी की आड़ मैं गरीबों को चूसता रहा है.इतना ही नहीं इसने तो ETV जैसे साफ़-सुथरे बैनर को दागदार करने मैं कोई कसर नहीं छोडी.ETV का MIC लेकर पूरे शहर मैं व्यापक वसूली अभियान चला रहा है.आप सतना किसी भी ग्राम पंचायत में चले जाएँ,वहां का सरपंच किसी को जाने न जाने ,वो ETV के शिवेंद्र बघेक को जरुर जानता होगा.ऐसे ही घटिया लोगों ने पिछले कुछ समय से सतना की पत्रकारिता को सबके सामने शर्मिंदा होने पर मजबूर कर दिया है.
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