Tuesday, May 19, 2009
आइये एक नए दिन की शुरुआत करें
पिछले कुछ समय मैं सतना के लोगों ने वो दौर देखा जो सभी के लिए बहुत ही कष्टदायक था.ये दौर था आपसी संबंधों और मित्रता से बढ़ कर जतिवादिता का दौर .इतनी कट्टर जतिवादिता का दौर चला कि वर्षों से एक दूसरे के साथ रहने वाले आपस में ही बात करने से हिचकने लगे.इस दौर ने हमारे बीच के आपसी भाईचारे और प्रेम के बीच में सेंध लगाने की कोशिस की. अगर ये दौर आगे भी चलता रहा तो निश्चित ही ,इस छोटी और स्तरहीन मानसिकता के चलते हमें आगे भी बहुत कुछ झेलना पड़ेगा.अगर हमें अपने आने वाले भविष्य को संवारना है,तो हमें इस मानसिकता से आगे निकल कर,एक दूसरे का साथ देकर अपने आपको और सतना को बहुत आगे ले जाना होगा.दुनिया बहुत बड़ी है,और हमारे पास समय बहुत कम.आइये हम सब संकल्प लें कि इस जातिवादी वैमनस्यता का अंत करेंगे और आपसी,प्रेम ,सदभावना और भाईचारे भरे सबेरे का स्वागत करेंगे.
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